अध्याय -२८ विविधाशितपीतीय ( कामला – रक्तज ) रस विकार- ज्वर, तमः , पाण्डु , क्लैव्य ( also शुक्रज ,संतर्पणजन्य) दर्शनं तमसः – मज्जा तम – V नानात्मज विकार ...