अध्याय-१२ वातकलाकलीय ( 2nd सम्भाषा परिषद् )
चरक संहिता सूत्र स्थान अध्याय-१२ वातकलाकलीय ( 2 nd सम्भाषा परिषद् ) Ø आठ ऋषि (आत्रेय सहित) Ø साकृत्यायन कुश – वात के गुण – रुक्ष शीतो लघु सुक्ष्मचलोऽथ विशदः खरः । = ७ ( च. सू. १) ,, ,, ,, ---दारुण--- ,, ,, ,, । = ६ ( च. सू. १२ ) Ø कुमारशिरा भरद्वाज – वातप्रकोपक कारण – समानगुणाभ्यासो हि धातुनां वृद्धिकारणं इति । Ø कांकायन ( वाह्लीक भिषक् ) – वात शमन कारण Ø बडिश धामार्गव – प्रक्रिया ( शमन-कोपन की) Ø राजर्षि वायोर्विद – वात के कर्म Ø मरीचि – पित्त के कर्म Ø काप्य – कफ के कर्म Ø पुनर्वसु ...